
नई दिल्ली (New Delhi), 14 मार्च . आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन ‘अकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन’ के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार (Tuesday) को शिक्षा मंत्री आतिशी से मुलाकात की. प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री को दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों में उपकुलपति द्वारा गवर्निंग बॉडी के गठन की प्रक्रिया को ठन्डे बस्ते में डालने और फुल फ्लेजड गवर्निंग बॉडी न होने की स्थिति में इन कॉलेजों में उत्पन्न हो रही प्रशासनिक अव्यवस्थाओं से अवगत करवाया.
बैठक में विधायक संजीव झा भी उपस्थित रहे. इस मौके पर एएडीटीए के अध्यक्ष प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि, डीयू के कुलपति लोकतांत्रिक तरीके से लिए गए फैसलों की अवमानना कर रहे है. दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों में गवर्निंग बॉडीज के बगैर किसी भी व्यक्ति का अपॉइंटमेंट पूरी तरह गैर-कानूनी है.
उपकुलपति के इशारे दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने के बजाय प्रिंसिपल अपनी मनमानी थोप रहे हैं. कॉलेजों में प्रिंसिपल अपॉइंटमेंट्स व एडॉहक टीचर्स को परमानेंट कराने की जिम्मेदारी गवर्निंग बॉडी की होती है न की उपकुलपति की, ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित कदम है.
बैठक में एएडीटीए के अध्यक्ष प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि दिल्ली सरकार के वित्तपोषित कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के लिए नामांकित लोगों की सूची उपकुलपति कार्यालय को भेजे महीने भर से ज्यादा हो चूका है बावजूद इसके उपकुलपति द्वारा इसमें जानबूझकर देरी की जा रही है.
दिल्ली सरकार द्वारा 28 जनवरी को ही उपकुलपति कार्यालय को ये लिस्ट भेजी जा चुकी थी तथा इस बाबत तत्कालीन उपमुख्यमंत्री (Chief Minister) द्वारा उपकुलपति को 21 फरवरी 2023 को एक रिमाइंडर भी भेजा गया था, लेकिन इतना समय बीतने के बावजूद इस प्रक्रिया को उपकुलपति ने ठन्डे बस्ते में डाल रखा है, ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है तथा इससे इन कॉलेजों में बहुत सी प्रशासनिक दिक्कतें आ रही है.
वहीं दिल्ली सरकार चाहती है कि इन 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के बिना कोई साक्षात्कार नहीं होना चाहिए क्योंकि दिल्ली सरकार की मंशा ऐसे सिस्टम का निर्माण करना है जिससे मौजूदा एडहॉक शिक्षकों के एब्सोर्प्शन को प्राथमिकता दी जाए.