डॉ.वेद प्रताप वैदिक का निधन, इटावा से था गहरा नाता

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Etawah (इटावा) ,14 मार्च . देश के चर्चित पत्रकार और स्तंभकार डॉ.वेद प्रताप वैदिक का मंगलवार (Tuesday) को निधन हो गया. Etawah (इटावा) जनपद से उनका गहरा नाता था और यह जुड़ाव ताउम्र बना रहा. वह लगातार Etawah (इटावा) जनपद के बसरेहर स्थित लाल सेना के पहला छापामार केंद्र लोहिया ग्राम में आते रहे. यह महज संयोग ही है कि 24 वर्ष पहले 14 मार्च 1999 को लाल सेना स्मारक के शिलान्यास के अवसर पर वह पधारे थे.

इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व लोकसभा (Lok Sabha) स्पीकर रवि राय, पूर्व रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री (Chief Minister) मुलायम सिंह यादव, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनन्द कुमार के साथ मंच साझा करते हुए बहुत ही सारगर्भित भाषण दिया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता इलाहबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति प्रेमशंकर गुप्त ने की थी. लाल सेना स्मारक के शिलान्यास के अवसर पर छपा निमंत्रण पत्र और पोस्टर चंबल संग्रहालय में संरक्षित है.

डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने अपने संस्मरणों में लिखा है- मैं स्वयं जब 1965-66 मे भाषा-संबंधी संघर्ष में जूझ रहा था तो कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया ने मेरी सहायता की. न तो उनसे मेरा पूर्व-परिचय था, न ही मैं उनके इलाके का था और न ही उनसे किसी प्रकार की रिश्तेदारी या जात-बिरादरी का नाता था, लेकिन उन्होंने मेरी इस तरह से सहायता की, जैसे कोई अपने सगे बेटे या भाई की करता है. 216, नॉर्थ एवेन्यू स्थित उनका घर सब नौजवानों के लिए आश्रम जैसा ही था. वहीं हम सो जाते थे और भोजन आदि के लिए भी चौका हमेशा खुला रहता था. भदौरिया की सुपुत्री कुसुम दास और जामाता डॉ. परिमल कुमार दास अनेकानेक असुविधा उठाते हुए भी मेहमानों के स्वागत के लिए सदा तत्पर रहते थे.

डॉ. राममनोहर लोहिया और मधु लिमये ने जब मई, 1966 में लोकसभा (Lok Sabha) में मेरा मामला उठाया तो भदौरिया ने उसका डटकर समर्थन किया. वे और माता सरला स्वयं अनेक मंत्रियों और संसद सदस्यों को पत्र लिख-लिखकर कहा करते थे कि वैदिक नाम का यह नौजवान अपनी पीएचडी का शोधग्रंथ अपनी मातृभाषा (हिंदी) में लिखना चाहता है तो आप उसका समर्थन क्यों नहीं करते? उन्हें लगता था कि डॉ. लोहिया के “अंग्रेजी हटाओ” कार्यक्रम के लिए एक जबर्दस्त मुद्दा और एक जीवंत प्रतीक उनके हाथ आ गया है.

चंबल संग्रहालय के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रकाश वैदिक के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया के तीन शख्सियतों कार्ल मार्क्स, अल्बर्ट आइंस्टाइन और स्टीफन हॉकिंग के साथ ही हम सभी अगले 14 मार्च को वैदिक जी की भी पुण्यतिथि मनाने को बाध्य होंगे.

/रोहित