
बीकानेर, 12 मार्च . बीकानेर (Bikaner)के पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी का रविवार (Sunday) को अंतिम संस्कार किया गया. डूंगरपुर (Dungarpur) की राजकुमारी और बाद में बीकानेर (Bikaner)की महारानी बनी सुशीला कुमारी की अंतिम यात्रा में शामिल हर कोई गम में डूबा हुआ था. जिस ड्योढ़ी में कभी सुशीला कुमारी दुल्हन बनकर आयी थीं आज उसी परिसर में उनकी पार्थिव देह बाहर निकली.
‘दाता’ और ‘दादीसा’ जैसे नाम से पहचान रखने वाली सुशीला कुमारी की अंतिम यात्रा तय समय के मुताबिक साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई और जूनागढ़ के आगे से होते हुए पब्लिक पार्क, जयपुर (jaipur) रोड होते हुए देवीकुण्ड सागर पहुंची. राजाओं का राज तो अब नहीं रहा लेकिन सुशीला कुमारी बीकानेर (Bikaner)की ‘राजमाता’ के रूप में ही स्वीकार की गई. खुशी और गम में हमेशा बीकानेर (Bikaner)के साथ खड़ी रहने वाली पूर्व राजमाता को विदाई देने के लिए सड़क के दोनों और भीड़ थी. कोई उनकी राह में फूल बरसा रहा था तो कोई शीश झुकाकर अपने भाव प्रकट कर रहा था.
अंतिम यात्रा जैसे ही देवीकुण्ड सागर पहुंची सारे रस्म उनकी पोती और बीकानेर (Bikaner)पूर्व से भाजपा की तीसरी बार विधायक सिद्धीकुमारी ने मुखाग्नि दी. ‘राजपरिवार की छतरियां’ नाम से विख्यात सागर में राजपरिवार के सभी सदस्यों की अलग-अलग समाधियां बनी हुई है. यहीं पर सुशीला कुमारी की एक छत्तरी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी.
ऊंट, बैंड और शाही सवारी
अंतिम यात्रा में सबसे आगे राजस्थानी परिधानों से सजे ऊंट चल रहे थे, उनके पीछे राजपरिवार का स्पेशल बैंड मातमी धुन बजा रहा था. वहीं पीछे शाही परिवार की पौशाक पहने लोग भी चल रहे थे. बड़ी संख्या में सामान्य लोग भी साथ-साथ चल रहे थे. पूर्व राजमाता के लिए विशेष पालकी तैयार की गई. जिसे फूलों से सजाया गया. इसी पालकी में उन्हें सागर तक ले जाया गया.
ऊर्जा मंत्री ने पूर्व राजमाता को अर्पित की श्रद्धांजलि
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार (Sunday) को पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी की पार्थिव देह के समक्ष पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सुशीला कुमारी का निधन अत्यंत दुखद है. वे सदैव जरूरतमंद लोगों की मदद करती थी. उन्होंने कहा कि बीकानेर (Bikaner)राजपरिवार का आमजन से गहरा जुड़ाव रहा है. महाराजा गंगा सिंह की दूरदर्शी सोच की बदौलत बीकानेर (Bikaner)को गंगनहर मिली और यह पूरा क्षेत्र सरसब्ज हुआ. पूर्व महाराजा डॉ. करणी सिंह लंबे समय तक बीकानेर (Bikaner)के सांसद (Member of parliament) रहे. उन्होंने हमेशा संसद में बीकानेर (Bikaner)की आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि उन्हें श्रीमती सुशीला कुमारी से कई बार मिलने का अवसर मिला. वे हमेशा आमजन से की भलाई से जुड़ी बात करती थी. उन्होंने बीकानेर (Bikaner)पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी और अन्य शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया.
/राजीव