
कोलकाता (Kolkata) , 14 मार्च . राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने मंगलवार (Tuesday) को दावा किया है कि कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी राज्य सरकार (State government) की क्षमता को लेकर हाईकोर्ट ने जो टिप्पणी की है वह राज्य सरकार (State government) को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है. मंगलवार (Tuesday) को मंत्री शशि पांजा के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब बसु से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमलोग न्यायालय के साथ संपूर्ण रूप से सहमत हैं. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बगैर राज्य सरकार (State government) कुलपतियों की नियुक्ति नहीं कर सकती और यही बात कोर्ट ने कही है. तीन महीने पहले राज्यपाल ने कुलपतियों के कार्य विस्तार संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर किया था और उसी के मुताबिक नियुक्ति हुई है. इसलिए हम लोगों ने वही किया है जो न्यायालय कह रही है.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार (Tuesday) सुबह कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (judge) प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार केवल कुलाधिपति की है. राज्य सरकार (State government) को कुलपति नियुक्त करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. इसे लेकर दावा किया जा रहा था कि राज्य सरकार (State government) के इस फैसले से बड़ा नुकसान पहुंचने वाला है. /ओम प्रकाश