सदन में हंगामा करने पर कांग्रेस विधायक सिकदार कार्यवाही से निलंबित

सदन में हंगामा करने पर कांग्रेस विधायक सिकदार कार्यवाही से निलंबित

प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस के आह्वान पर अध्यक्ष ने सिकदार का निलंबन लिया वापस

गुवाहाटी (Guwahati) , 14 मार्च . असम विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मंगलवार (Tuesday) को फिर सदन में एक बार प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हुआ. हंगामा करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के विधायक जाकिर हुसैन सिकदार को आज की शेष कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया. इससे नाराज कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया. बाद में सदन के उप नेता के अनुरोध पर अध्यक्ष ने सिकदार का निलंबन वापस ले लिया.

मंगलवार (Tuesday) को सदन में प्रश्नकाल के समय भाजपा विधायक तेरेस ग्वाला ने पंचायत एवं ग्रामोन्नयन विभाग से संबंधित एक प्रश्न उठाया था. जिसका जवाब विभागीय मंत्री रंजीत कुमार दास ने देना शुरू किया. इसी बीच कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदार ने मंत्री पर तथ्यों से परे जवाब देने का आरोप लगाते हुए जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने सिकदार को बीच में न बोलने की ताकीद करते रहे, लेकिन जब सिकदार नहीं माने तो नाराज होकर अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक सिकदार को सदन की कार्यवाही से आज दिनभर के लिए निलंबित कर दिया.

अध्यक्ष के आदेश के बाद मार्शल ने जैसे ही सिकदार को सदन से बाहर निकाला गया, उसके पीछे-पीछे कांग्रेस के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गये. प्रश्नकाल के समाप्त होते ही जैसे ही शून्यकाल आरंभ हुआ तो कांग्रेस के सभी विधायक सदन में पहुंच गये. इस दौरान सदन के उप नेता प्रतिपक्ष रकीबुल हुसैन ने विस अध्यक्ष से सिकदार के निलंबन को वापस लेने की गुहार लगायी, जिसके जवाब में अध्यक्ष ने सिकदार का निलंबन वापस ले लिया.

सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने सवाल पूछने का विपक्ष को मौका नहीं देने का आरोप लगाया. दूसरी ओर जाकिर हुसैन सिकदार पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के एक मुद्दे को लेकर सवाल उठाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने हुसैन पर पंचायत और ग्रामीण विकास के खोखले स्वरूप को उजागर करने के डर से उन्हें सवाल उठाने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया.

हुसैन ने कहा कि असम में कुल सक्रिय जॉब कार्ड 41 लाख 36 हजार हैं. असम में केवल 70 हजार लोगों के जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. सरकार ने कहा है कि असम में 7 करोड़ कार्य दिवस शुरू किए गए हैं, लेकिन कार्यदिवसों को 40 करोड़ पर पेश किया जाना चाहिए था, क्योंकि असम में सक्रिय जॉब कार्ड की संख्या 40 हजार है. अगर इन 40,000 जॉब कार्ड को 100 दिन का काम दिया जाए तो यह 40 करोड़ होगा.