
चंडीगढ़, 13 मार्च . पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को विरोध स्थल पर लेकर जाने को लेकर शुरू हुए विवाद की जांच कर रही समिति ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर मंगलवार (Tuesday) को कोई फैसला आ सकता है.
यह मुद्दा पिछले महीने की अजनाला घटना के बाद सामने आया था. जब कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह एवं उसके समर्थकों ने अपने एक साथी को छुड़वाने के लिए पुलिस (Police) थाने पर धावा बोल दिया था. अमृतपाल समर्थकों के पास तलवारें तथा बंदूकें थी. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ लेकर इस कृत्य को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद पुलिस (Police) ने जब यह दावा किया कि गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के सम्मान के चलते उन्होंने अमृतपाल समर्थकों पर कोई कार्रवाई नहीं की.
चौतरफा दबाव बढ़ने के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 16 सदस्यीय उपसमिति का गठन किया था ताकि यह तय किया जा सके कि क्या गुरु ग्रंथ साहिब को विरोध स्थलों, प्रदर्शनों और उन जगहों पर ले जाया जा सकता है, जहां अपवित्र होने की आशंका है.
उपसमिति के समन्वयक करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने सीलबंद रिपोर्ट अकाल तख्त जत्थेदार को सौंपी है. उन्होंने रिपोर्ट के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि यह जत्थेदार का विशेषाधिकार है. पीर मोहम्मद ने कहा कि उन्होंने और उनके पैनल के सदस्यों ने शिक्षाविदों, विद्वानों और धार्मिक संगठनों से मुलाकात की. जिसमें दशमेश तरना दल, दमदमी टकसाल, सिख मिशनरी कॉलेज रूपनगर, चीफ खालसा दीवान, गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल लुधियाना समेत कई संगठन संप्रदाय शामिल हैं.
अकाल तख्त सचिवालय के एक अधिकारी ने सोमवार (Monday) को कहा कि पंज सिंह साहिबान द्वारा रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय की घोषणा की जाएगी. बैठक 14 मार्च को स्वर्ण मंदिर परिसर में गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हॉल में होनी है.