
मुंबई (Mumbai) ,12 मार्च .पालघर में पानी पाताल में जा रहा है,नदियां सिकुड़ रही हैं. जल संकट और बढ़ती गर्मी के साथ पानी का कारोबार करने वालों के लिए ये पैसा कमाने के अवसर की तरह है. जिसका कुछ लोग जमकर फायदा उठा रहे है और बोतल बंद पानी के नाम पर लोगों की सेहत से खेल रहे है.गर्मी शुरू होते ही जिले भर में बोतल बंद पानी की डिमांड शुरू हो जाती है.
घरों में तो लगातार 20 लीटर की बोतल आती ही रहती है, बाजारो में एक-एक लीटर वाली पानी की बोतल की बिक्री भी खूब बढ़ जाती है. दिन-ब-दिन चढ़ते पारे के साथ पानी की कमी बढ़ रही है बोतल बंद पानी का कारोबार भी बढ़ रहा है. क्योंकि जल है तो जीवन है.
जिले में बोतल बंद पानी को लेकर स्थिति चिंता जनक है. दरअसल बोतल बंद पानी की गुणवत्ता को लेकर कभी भी कोई जांच या पड़ताल नहीं होती नही दिख है. ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के साथ में बहुत बड़ा खिलवाड़ होता है. बोईसर,दहानू, पालघर,वसई,विरार, नालासोपारा,नायगांव सहित जिले भर में सालाना करोड़ों का पेयजल का कारोबार होता है. हालांकि यह एक मोटा अनुमान है. जबकि भीषण गर्मी के दौर में यह पानी और भी अधिक बिकता है. एक समय था कि भीषण गर्मी में जगह-जगह स्थापित प्याऊ से लोग अपनी प्यास शांत करते थे, लेकिन अब बोतलबंद पानी ने उसका स्थान ले लिया. लोग बोतलबंद पानी को प्राथमिकता दे रहे हैं. ताकि किसी तरह की बीमारी से बच सके. जिले में कई स्थानों पर बोतलबंद पानी की पैकिंग होती है. अन्य स्तर पर भी यह कारोबार फैला है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि ऐसे कुछ ब्रांड जो कि पानी के नाम पर बहुत ही बड़ी लापरवाही कर रहे हैं. उन पर कभी भी कार्रवाई नहीं होती है. इनके पानी के नमूने की जांच को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है.
दुकानदार अधिक मुनाफा वाली बेचते है बोतले
सामाजिक कार्यकर्ता रासबिहारी सिंह कहते है,कि पानी के मामले में लोगों के साथ गलत हो रहा है. बोतलबंद पानी से स्वास्थ्य खराब हो रहा है. इसकी वजह है कि जो ब्रांडेड कंपनियां हैं उनका पानी दुकानदार कम ही बेचते हैं. उसमें मुनाफा कम होता है. कुछ दुकानदार अधिक मुनाफा वाले पानी को बेचते है. उस पानी को बेचने की प्रवृत्ति के चलते पानी की गुणवत्ता से समझौता किया जाता है.
हर साल बढ़ रहा कारोबार
पानी के कारोबार लगातार रफ्तार पकड़ रहा है कि हर दुकान, बाजार में कैन सुबह-शाम सप्लाई हो रहे हैं. दुकानदार में वॉटर फिल्टर, मटका रखने और इसे भरने के बजाए रोजाना 40-50 रुपए देने को तैयार हैं. इसी का फायदा उठाकर कुछ लोगों की सेहत से खेल रहे है.
औद्योगिक क्षेत्रों के आस पास के लोगो की पानी खरीदना मजबूरी
पालघर के बोईसर तारापुर औद्योगिक क्षेत्र के आस पास के कई गांवों का पानी दूषित हो गया है. गर्मियों के पानी की सप्लाई भी कई बार बाधित हो जाती है या पेयजल की सप्लाई में कटौती हो जाती है. जिससे यहां के लोगों की एक बड़ी मजबूरी है. कि वह बोतल बंद पानी खरीद कर पेयजल के रूप के प्रयोग करें.
डॉ. महेश मेवाड़ा ने बताया कि साफ-स्वच्छ पानी न पीने से लोगों को टाईफाइड, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती है. ऊबालकर पीने पीएं तो और ज्यादा बेहतर होगा. क्योंकि अधिकांश बीमारियों की वजह पानी होती है. खुला, दूषित और मानक पर खरा न उतरने वाला पानी हरगिज न पीएं, क्योंकि यह किसी न किसी रूप में दूषित हो सकता है.
/योगेंद्र