
फरीदाबाद (faridabad) , 12 मार्च . अरावली पहाड़ी की खूबसूरत (Surat)ी का दीदार करने के लिए सेव अरावली संस्था के पदाधिकारियों ने शहरवासियों संग अरावली यात्रा का आयोजन किया. रविवार (Sunday) काफी लोग बडख़ल झील पर जमा हुए, इसके बाद यहां से पैदल परसोन के मंदिर तक गए. वहां से बडख़ल झील में पानी के पहुंचने वाले रास्ते से वापस आए. इस दौरान पहाड़ी में पेड़ों की मूल प्रजातियों की जानकारी सभी के साथ साझा की और शहरवासियों को अरावली के महत्व व संरक्षण की जरूरत के बारे में बताया.
सेव अरावली संस्था के संस्थापक जितेंद्र भडाना, कैलाश बिधुड़ी और जितिन तंवर ने बताया कि अरावली की पहाड़ी का जंगल औद्योगिक नगरी के लिए फेफड़ों का काम करता है. अरावली की हरियाली से दिल्ली और आसपास के शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद (faridabad) , नोएडा (Noida) , गाजियाबाद (Ghaziabad) को भरपूर मात्रा में आक्सीजन मिलती है. यहां प्रकृति के इस अनुपम दृश्य को देखकर कर किसी का मन चाहेगा कि अधिक समय गुजारा जाए इसलिए उनकी संस्था की ओर से अरावली संरक्षण के लिए यात्रा का आयोजन किया. इसमें कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग यात्रा में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि अरावली का नजारा देखने लायक था. प्रदूषण मुक्त और पूरी तरह से शांति वाले इलाके में कई अंजान लोगों को यहां आकर सुखद अहसास हो रहा था. इस यात्रा का मूल संदेश था कि अरावली को बचाना क्यों जरूरी है.
जितेंद्र भडाना के अनुसार अरावली केवल भूजल व पर्यावरण बचाने का ही केंद्र नहीं है बल्कि अपने अंदर हजारों वर्ष पुराने पेड़ों का इतिहास संजोए हुए है. अरावली की खूबसूरत (Surat) वादियों से आमजन को रूबरू कराया गया ताकि पता लग सके कि यहां कैसा-कैसा प्राकृतिक खजाना है. इसका मकसद यह भी है कि शासन-प्रशासन की योजनाएं लागू हुई तो हम यहां क्या-क्या खो देंगे. इसका अहसास कराना है. यहां अवैध निर्माण से काफी नुकसान हो रहा है. नगर निगम भी पाली में कचरा घर बनाएगा. जिससे अरावली का मूल रूप नष्ट हो जाएगा. इस दौरान पंकज ग्रोवर, विरद गुप्ता, यश भडाना, राजू रावत, संजय बागुल, कृष्णा रावत, वीरभान, शुचिता खन्ना सहित अन्य लोगों ने यात्रा का आनंद लिया.
/मनोज