एपीसीआर ने फिल्म ‘रजाकार’ की रिलीज रोकने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

हैदराबाद, 8 मार्च . एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) ने विवादास्पद फिल्म ‘रजाकार : द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद’ की रिलीज रोकने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

एपीसीआर ने याचिका दायर करके फिल्म को रिलीज होने से रोकने का आदेश देने की मांग की है.

तेलंगाना हाईकोर्ट एपीसीआर की जनहित याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा. एपीसीआर के तेलंगाना चैप्टर के उपाध्यक्ष एडवोकेट अफसर जहां हाईकोर्ट में संगठन के हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे. भाजपा नेता द्वारा निर्मित यह बहुभाषी फिल्म 15 मार्च को रिलीज होने वाली है.

एपीसीआर ने कहा, ”फिल्म के संभावित भड़काऊ और विभाजनकारी कंटेंट की चिंताओं के बीच याचिका दायर करने का फैसला किया गया, क्योंकि इससे दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक विवाद भड़कने की आशंका बढ़ गई है.”

संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के बाद एपीसीआर के सचिव नदीम खान ने इस पहल का नेतृत्व किया.

फिल्म का दूसरा ट्रेलर पिछले महीने रिलीज हुआ था. पहला ट्रेलर पिछले साल सितंबर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले जारी किया गया था.

तत्कालीन बीआरएस सरकार ने कहा था कि वह कुछ हलकों में इस चिंता के बाद विकल्पों पर विचार कर रही है कि फिल्म राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकती है.

साथ ही, तत्कालीन मंत्री केटी रामा राव ने वादा किया था कि यह मामला सेंसर बोर्ड और तेलंगाना पुलिस के सामने उठाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित न हो.

निर्माताओं ने दावा किया था कि यह फिल्म भारत की आजादी के बाद रजाकारों द्वारा हिंदू आबादी पर किए गए अत्याचारों को दिखाती है.

एफजेड/एबीएम