











500 वर्षों से भी अधिक से लग रहे बसौड़ा मेले में होती हैं शीतला देवी की आराधना
शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाकर मंदिर प्रांगण में खाते हैं बासी खाना
मुरादाबाद (Moradabad) 9 मार्च . कपूर कंपनी स्थित हुल्का देवी महारानी माता मंदिर में शीतला देवी का बसौड़ा मेला गुरुवार (Thursday) से आरंभ हो गया. सुबह मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही श्रद्धालु पहुंच गए. उन्होंने जयकारों के साथ माता शीतला के दर्शन किये. उन्हें बासी खाने का भोग लगाया. लौंग, कपूर, कौड़ी आदि अर्पित किये और मंदिर परिसर में ही बासी भोजन का प्रसाद ग्रहण किया. बच्चों ने मेले का आनंद लिया.
महंत बीएन गोस्वामी ने बताया कि यह मेला 500 वर्षों से भी अधिक से लगता आ रहा है. यह मेला दुलहेंडी के अगले दिन से प्रारंभ हो जाता है और चैत्र नवरात्र प्रारंभ होने तक चलता हैं. महंतजी ने आगे बताया कि यहां शीतला माता की आराधना होती है. माता को बासी भोजन अधिक प्रिय है. इसलिए उन्हें बासी भोजन का प्रसाद चढ़ाया जाता है. माता काे प्रसन्न करने के लिए उन्हें कौड़ी, लौंग, बतासे और कपूर आदि चढ़ाए जाते हैं.
पहले दिन तड़के से ही पहुंचने लगे श्रद्धालु :
गुरुवार (Thursday) को हुल्का देवी महारानी माता मंदिर के कपाट खुलते ही घंटे और माता के जयकारे गूंजने लगे. महिलाओं और पुरुष वर्ग ने अलग-अलग कतारबद्ध होकर माता के दर्शन किये. महंत बीएन गोस्वामी ने मोरपंखी से सभी को आशीर्वाद दिया. श्रद्धालुओं ने माता को बासी भोजन का भोग लगाया और कौड़ी आदि अर्पित कीं. बच्चों को माता के थान पर ले गए. उनके ऊपर से मुर्गा उतरवाया. मान्यता है ऐसा करने से बच्चों की परेशानियां दूर हो जाती हैं. लोगों ने मंदिर परिसर में ही बासी भोजन का प्रसाद ग्रहण किया. महंत बीएन गोस्वामी ने बताया श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 22 मार्च तक मंदिर के कपाट सुबह 6 से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे. व्यवस्था में अतुल जौहरी, नवीन गोस्वामी, विकास गोस्वामी, मयंक, आदर्श, ऊषा गोस्वामी आदि रहे.
जायसवाल