भोपाल की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (BU) से रैगिंग का मामला सामने आया है. यहां के जूनियर्स का कहना है कि सीनियर्स उनको एक बार में 30 से 40 थप्पड़ मारते हैं और अश्लील जोक्स याद कराते हैं. 20 जूनियर्स के रूम के ताले तोड़ दिए गए हैं, बाथरूम का गेट बाहर से बंद कर देते हैं.

रात को दरवाजे पर लात और रॉड मारते हैं. साथ ही मारने की भी धमकी देते हैं. यह सब जून से चल रहा है. इसकी शिकायत जूनियर स्टूडेंट ने यूजीसी एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर पिछले महीने की थी. जिसके बाद बीटेक फाइनल ईयर और थर्ड ईयर के 12 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया.

इन स्टूडेंट्स को बाहर निकाला

यूनिवर्सिटी ने इंद्रपाल सिंह राजपूत, जय नामदेव, सूरज कुशवाह, हर्षित सिनोटिया, कुलदीप भालशे, इच्छित कोटारे, रघुवीर विश्वकर्मा, अपूर्व वर्मा, राजेंद्र बोईके, वीरेंद्र तनवर, अंशुल मिश्रा, अक्षय विश्वकर्मा को हॉस्टल से आगामी आदेश तक कर दिया है.

हॉस्टल के आस-पास दिखाए देने पर कार्रवाई

इस बारे में BU के रजिस्ट्रार डॉ. आई मंसूरी ने आदेश दिया कि अगर ये स्टूडेंट्स हॉस्टल के आस-पास भी दिखाई दिए तो पुलिस के शिकायत की जाएगी. इसके बाद इन पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.

अब जवाहर हॉस्टल में सिर्फ जूनियर्स रहेंगे

स्टूडेंट्स के साथ मारपीट और रैगिंग मामले में कुलपति प्रो. एसके जैन ने सख्ती दिखाई है. अब जवाहर हॉस्टल में रहने वाले सभी सीनियर्स को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कराया जाएगा. यहां केवल जूनियर्स ही रहेंगे. इसके लिए सीनियर्स की शिफ्टिंग के लिए 24 अक्टूबर तक का समय दिया गया है.

क्या कहते हैं रैगिंग के कानून

  • इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के बढ़ते मामलों को देखने के बाद यूजीसी ने एंटी रैगिंग रैगिंग के खिलाफ कई कड़े नियम बनाए थे.
  • अगर संस्थान या हॉस्टल में किसी स्टूडेंट को उसके रंगरूप या पहनावे के को लिकर टिप्पणी की जाए और उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए. उसे अजीबोगरीब नाम लेकर बुलाने और प्रताड़ित करने को भी रैगिंग माना जाएगा.
  • किसी स्टूडेंट को उसकी क्षेत्रीयता, भाषा या जाति के आधार पर अपमान जनक नाम लेकर बुलाना और प्रचलित करना भी रैगिंग में आएगा.
  • स्टूडेंट को उसकी फैमिली की आर्थिक स्थिति को लेकर परेशान करना रैगिंग माना जाएगा.
  • स्टूडेंट्स को को अजीबोगरीब नियमों के तहत परेशान करना या अपमान जनक टास्क देना भी रैगिंग माना जाएगा.
  • यूजीसी के मुताबिक धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी छात्र को मजाक से भी अपमानजनक लगता है तो उसे रैगिंग की श्रेणी में माना जाएगा.

मिल सकती है ये सजा

यूजीसी साफ तौर कह चुका है कि अगर कॉलेज रैगिंग की शिकायत करने वाले छात्रों की मदद नहीं करेगा तो स्टूडेंट्स यूजीसी की हेल्पलाइन पर कंप्लेंट कर सकते हैं. दोषियों पर रैगिंग रेग्यूलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. रैगिंग के खिलाफ सबसे कड़ी सजा तीन साल तक सश्रम कैद है.

काचरू केस से मिली एंटी रैगिंग कानून को मजबूती

साल 2009 में धर्मशाला के राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में रैगिंग और प्रताड़ना का शिकार हुए छात्र अमन काचरू की मौत ने देश को झझकोर दिया था. काचरू की मौत के बाद Supreme Court ने रैगिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए एक कमेटी बनाई. इसके बाद रैगिंग रोकने के लिए कई नियम बनाए गए.